हाय ! जिस घड़ी ज़िंदान का दर खोला गया
बीबियों को देख के सज्जाद ने रो कर कहा
अल्लाह अल्लाह आ रहा है
सय्यदों का काफ़ला
अल्लाह अल्लाह आ रहा है
सय्यदों का काफ़ला
कर्बला वालों के ग़म में बिछ गया फ़र्शे अज़ा
सामने जब आए शहज़ादों के सर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
हाय! अली असग़र (अ. स)..
ढूंढ कर असग़र का सर कहने लगीं उम्म-ए-रवा
काश ! मैं भी देख पाती अपने बेटे का शवाब
बारी बारी चूम के असग़र का सर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
हाय ! औन ओ मोहम्मद (अ. स)..
दो सरों को देखकर फ़िज़्ज़ा ने ज़ैनब से कहा
आ गए औन-ओ-मोहम्मद लीजिए पुरसा मेरा
कर दिया जै़नब ने सजदा ख़ाक पर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
आ गया क़ासिम (अ. स)..
आया जब ज़िन्दान में 13 बरस वाले का सर
गुल हुआ इब्ने हसन को खा गई किसकी नज़र
बैन फ़रवा ने किए तो चीख़ कर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
हाय ! अली अकबर (अ. स)..
जब अली अकबर का सर आया क़यामत हो गई
यूं लगा के उम्मे लैला की शहादत हो गई
देखकर अकबर का चेहरा खूं में तर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
हाय! अ़ब्बास (अ. स)..
हज़रत ए अब्बास का सर आ गया, जब ये सुना
बीबियों में मातम ए अब्बास बरपा हो गया
बन्द आंखें बा-वफ़ा की देखकर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
हाय! हुसैन (अ. स)..
सर हुसैन इब्ने अली का बारिदे ज़िन्दां हुआ
ज़ख़्म औलाद-ए-अली का और ताज़ा हो गया
चादरें अपने सरों से फेंक कर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
हाय ! सकीना (स.अ़)..
गोद में बाबा का सर था और सकीना को क़ज़ा
ले गई ज़िन्दान से, सज्जाद ने तब ये कहा
बस यहीं तक था सकीना का सफ़र
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं
अख़्तर ओ इरफ़ान कोई क्या बयां कर पाएगा
कै़द ख़ाने के मसाइब सुन के दिल फट जाएगा
तकते तकते रात दिन ज़िन्दां का दर
शहज़ादियां रोती रहीं
शहज़ादियां रोती रहीं